एमडीएच मसालों के जरिए घर-घर तक अपनी पहचान बनाने वाले महाशय धर्मपाल का गुरुवार को निधन हो गया। वह 98 साल के थे। एमडीएच के मालिक की मौत हॉर्ट अटैक से हुई।महाशय धर्मपाल गुलाटी ने गुरुवार सुबह करीब 5:30 बजे दिल्ली के माता चानन देवी अस्पताल में अंतिम सांस ली है। ऐसा बताया जा रहा है कि वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पांचवीं तक की पढ़ाई करने वाले धर्मपाल अपनी लगन एवं मेहनत के बदौलत दूसरों के लिए एक प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन बेहद प्रेरणा देने वाला रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुलाटी के निधन पर अपनी शोक संवेदनाएं जाहिर की हैं। सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘भारत के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपालजी के निधन से मुझे दुःख की अनुभूति हुई है। छोटे व्यवसाय से शुरू करने बावजूद उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई। वे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय थे और अंतिम समय तक सक्रिय रहे। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
‘देश के विभाजन के बाद गुलाटी भारत आए और उन्होंने 1959 में दिल्ली में मसाले का अपना कारोबार शुरू किया। बताया जाता है कि शुरुआती समय में उन्होंने दिल्ली में तांगा भी चलाया लेकिन अपनी लगन और मेहनत के दम पर वह देश के बड़े उद्योगपतियों में शामिल हो गए। दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत के प्रेरणादायक उद्यमी एमडीएच के मालिक धर्मपाल महाशय का आज सुबह निधन हो गया। उन्होंने कहा, ‘मैं उनके जैसा जिंदादिल इंसान से कभी नहीं मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।’ धर्मपाल के पिता चुन्नीलाल सियालकोट (जो कि पाकिस्तान में है) में मसालों की दुकान चलाते थे, जिसका नाम महाशियां दी हट्टी था। इसी के नाम पर इनके मसालों का नाम एमडीएच पड़ा।